नवरात्रि मन्त्र
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नवरात्रि के नौ दिनों में विभिन्न मां दुर्गा के रूपों की पूजा की जाती है और हर दिन के लिए विशेष मंत्र हैं जो भक्तों को उनकी शक्तियों के दीप्तिमान अनुभव में ले जाते हैं। इन मंत्रों का जाप करना भक्तों को माँ दुर्गा के आद्याशक्ति और प्रेम में लीन करता है।
प्रथम दिन - शैलपुत्री मंत्र -
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माँ शैलपुत्री की पूजा में "ओम देवी शैलपुत्र्यै नमः" मंत्र का जाप करें, जो माँ की प्राकृतिक एवं देवी स्वरूप की प्रार्थना करता है। यह मंत्र हमें अपने जीवन की प्रारंभिक ऊर्जा और प्रेरणा देता है।
द्वितीय दिन - ब्रह्मचारिणी मंत्र -
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माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा में "ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः" मंत्र का जाप करें, जो ब्रह्मचारिणी रूप की आराधना करता है। यह मंत्र हमें तप, संयम और साधना की दिशा में प्रेरित करता है।
तृतीय दिन - चंद्रघंटा मंत्र -
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माँ चंद्रघंटा की पूजा में "ओम देवी चंद्रघंटायै नमः" मंत्र का जाप करें, जो शांति और संरक्षण की देवी चंद्रघंटा की प्रार्थना करता है। यह मंत्र हमें शक्ति, संजीवनी और अनुग्रह में ले जाता है।
चतुर्थी दिन - कूष्माण्डा मंत्र -
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माँ कूष्माण्डा की पूजा में "ओम देवी कूष्माण्डायै नमः" मंत्र का जाप करें, जो जीवन का नाशक, सृष्टि करने वाली देवी कूष्माण्डा की आराधना करता है। यह मंत्र हमें नये आरंभों और उत्थान की दिशा में प्रेरित करता है।
पंचमी दिन - स्कंदमाता मंत्र -
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माँ स्कंदमाता की पूजा में "ओम देवी स्कंदमातायै नमः" मंत्र का जाप करें, जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की यज्ञविधि की प्रार्थना करता है। यह मंत्र हमें नई ऊर्जा और उत्थान के लिए प्रेरित करता है।
षष्ठी दिन - कात्यायनी मंत्र -
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माँ कात्यायनी की पूजा में "ओम देवी कात्यायन्यै नमः" मंत्र का जाप करें, जो भगवान विष्णु के आदि शक्ति माँ कात्यायनी की प्रार्थना करता है। यह मंत्र हमें योग्यता, धैर्य, और साहस में प्रेरित करता है।
सप्तमी दिन - कालरात्रि मंत्र -
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माँ कालरात्रि की पूजा में "ओम देवी कालरात्र्यै नमः" मंत्र का जाप करें, जो देवी कालरात्रि की उनकी भयंकर और रक्षक रूप की प्रार्थना करता है। यह मंत्र हमें भय की पराजय और संकटों से निवृत्ति के लिए प्रेरित करता है।
अष्टमी दिन - महागौरी मंत्र -
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माँ महागौरी की पूजा में "ओम देवी महागौर्यै नमः" मंत्र का जाप करें, जो देवी महागौरी के शुद्ध और पवित्र रूप की प्रार्थना करता है। यह मंत्र हमें पवित्रता, साक्षात्कार, और साधना में प्रेरित करता है।
नवमी दिन - सिद्धिदात्री मंत्र -
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माँ सिद्धिदात्री की पूजा में "ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः" मंत्र का जाप करें, जो देवी सिद्धिदात्री की आराधना करता है जो सर्व शक्तिमान और सर्व सिद्धियों की प्रदात्री हैं। यह मंत्र हमें आत्म-साक्षात्कार, उत्थान, और आदर्शों की प्राप्ति में प्रेरित करता है।
इन मंत्रों का जाप करना भक्तों को माँ दुर्गा के आद्याशक्ति और प्रेम में लीन करता है, जो हमें अपने जीवन के प्रति प्रेम और उत्साह में ले जाता है। यह मंत्र हमें नई ऊर्जा, उत्थान, और आदर्शों की दिशा में प्रेरित करता है। इन्हे जपते समय हमें भावनाओं से जपने का भाव रखना चाहिए, और इनका अर्थ और महत्व समझकर उन्हें पूरी श्रद्धा और भक्ति से जपना चाहिए। ये मंत्र हमें नई ऊर्जा और उत्थान के लिए प्रेरित करते हैं, हमें अपने जीवन को धर्म से भर जाते हैं, और हम अपनी माँ के प्रति प्रेम और आदर्शों के लिए उत्साहित होते हैं। ये मंत्र हमें सभी के लिए समर्थन और सेवा के लिए प्रेरित करते हैं, हमें अपनी आत्मा के उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्हे जपते समय हमारे दिव्यता की ओर अग्रसर होने का अनुभव होता है, हम अपने आत्मा के महत्व को महसूस करते हैं और हमारी भावनाओं में नई ऊर्जा और उन्हें प्रकट करने की भावना उत्पन्न होती है। ये मंत्र हमें सभी की भलाई और उनकी भलाई के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते हैं, हमें अपनी आत्मा की ऊँचाईयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्हे जपते समय हमारा दिव्यता की ओर अग्रसर होने का अनुभव होता है, हम अपने आत्मा की ऊँचाईयों की ओर बढ़ते हैं और हमारे जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर अग्रसर होते हैं। ये मंत्र हमें जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी माँ दुर्गा के साथ जीवन का संघर्ष करने के लिए प्रेरित करते हैं और हमें उनके दिशा में चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
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